कॉल कर बीमा पॉलिसी बेचने के नाम पर फर्जी पालिसी बनाकर साइबर फ्रॉड करने वाले सात गिरफ्तार
गाजियाबाद, । गाजियाबाद पुलिस ने प्रतिनिधि के रूप में कॉल कर बीमा पॉलिसी बेचने के नाम पर कूटरचित पालिसी बनाकर साइबर फ्रॉड करने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 07 सदस्याें काे गिरफ्तार किया हैं। उनके कब्जे से 26 मोबाइल फोन, 06 चेकबुक, 03 पासबुक, 14 एटीएम कार्ड, 04 सिम कार्ड, महिन्द्रा थार तथा एक्सयूवी 300 कार बरामद की है। साथ ही 4.5 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की घटनाओं से सम्बन्धित चार राज्यों की नाै घटनाओं का अनावरण करते हुए एक लाख 98 हजार रुपये नगद बरामद किये हैं।
एडीसीपी कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने शुक्रवार को पत्रकाराें काे बताया कि थाना साइबर क्राइम ने फोन पर विभिन्न बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि के रूप में कॉल कर बीमा पॉलिसी बेचने के नाम पर कूटरचित पालिसी बनाकर साइबर फ्रॉड करने वाले अन्तरराज्यीय अन्तर्राज्यीय गैंग के सदस्य अमन अग्रवाल, राहुल यादव, आफताब आलम, राहुल शर्मा, दीपक, गर्वित त्यागी तथा जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी अमन अग्रवाल बताया कि वो वर्ष 2021 में नोएडा में हैक्सर कम्पनी में नौकरी करता था। इस कम्पनी में विभिन्न बीमा पॉलिसी कम्पनी रिलायंस, भारती हेक्सा, सिगना टीटीके, एचडीएफसी तथा बजाज की जीवन पॉलिसी तथा हेल्थ बीमा पॉलिसी का अधिकृत केन्द्र था। जिसमें इन बीमा पॉलिसी कंपनियों के जीवन बीमा तथा हेल्थ बीमा पॉलिसी के धारकों को पॉलिसी से सम्बन्धित जानकारी दी जाती थी । इस कम्पनी में उसके साथ राहुल शर्मा भी काम करता था। इसके बाद अमन तथा राहुल शर्मा ने कम्पनी से इन बीमा पॉलिसी कम्पनियों के पॉलिसी धारकों की पर्सनल डिटेल प्राप्त की । इसके बाद अमन तथा राहुल शर्मा ने कम्पनी से नौकरी छोड़ दी और अपने अन्य साथियों राहुल यादव, आफताब, दीपक जगजीत तथा गर्वित त्यागी के साथ मिलकर इन बीमा पॉलिसी कंपनियों का ग्राहक सेवा अधिकारी बनकर इन बीमा पॉलिसीयों के पॉलिसी धारकों के मोबाइल नम्बरों पर बीमा पॉलिसियों को रिन्यू कराने तथा बीमा पॉलिसी में अधिक लाभों का झूठा लालच देते थे। क्योंकि इनके पास पॉलिसी धारकों की पुरानी बीमा पॉलिसी का पूरा डाटा मौजूद था, जिससे इन लोगों पर किसी को शक नही होता था।
पॉलिसी धारकों को नई पॉलिसी कराने की सलाह देते थे तथा पॉलिसी धारकों से पैसे ट्रांसफर कराने के लिए म्यूल बैंक खातों की डिटेल देते थे। पॉलिसी धारक इनके द्वारा दिये गये खातों मे बीमा पॉलिसी का पैसा ट्रांसफर कर देते थे और इसके बाद ये लोग पॉलिसी धारक को बीमा पॉलिसियों के नाम पर केन्वा सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी व कूटरचित बीमा पॉलिसी तैयार कर उपलब्ध करा दिया करते थे । ये लोग पॉलिसी धारकों को फोन करने के लिए फर्जी आईडी के प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड मुकेश नाम का व्यक्ति उपलब्ध कराता था। अमन ने विलास, गणेश तथा भूपेश को कुछ पैसों का लालच देकर इनसे बैंक खाते तथा उन खातों के एटीएम, चेक बुक प्राप्त कर इन्ही बैंक खातों में साइबर फ्रॉड का पैसा ट्रांसफर कराते थे। इन खातों से ये लोग एटीएम के माध्यम से पैसे निकाल लेते थे।
उन्होंने बताया कि थाना मधुबन बापूधाम से नागपुर के साइबर फ्रॉड के एक मुकदमे में कुछ दिनों पूर्व जेल गये निशान्त त्यागी उर्फ काकू काल सेन्टर के माध्यम से इस तरह का फ्रॉड करने का अभ्यस्त अपराधी है।
श्री प्रियदर्शी ने बताया कि इन लोगों से बरामद मोबाइल फोन, बैंक खाते तथा मोबाइल फोन में उपलब्ध कूटरचित बीमा पालिसियों से चार राज्यों की कुल 9 घटनाओं का खुलासा हुआ है। जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य के विजेन्द्र कुमार पटेल थाना मानिकपुर, प्रतापगढ़, हरिओम थाना गुरसाराई, झांसी, गुजरात राज्य के प्रमोद थाना मेघपुर पडना, जामनगर, हसमुख भाई थाना शोला हाईकोर्ट, अहमदाबाद, मंनसुखभाई थाना बच्चू, कच्छ पूर्वी, कर्नाटक राज्य के सिंधु श्री टीके थाना संजयनगर, बेगलूरु सिटी के साथ हुई साइबर अपराध की घटना एनसीआरपी पोर्टल पर पंजीकृत है।