जगदलपुर, । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में 21 मई को डीआरजी ओ जवानों ने 10 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली संगठन के सबसे सर्वाेच्च पद पर रहे महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू सहित 28 नक्सलियों काे मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। नक्‍सल‍ियों द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त में बसव राजू को शहीद व जननायक बताए जाने पर बस्‍तर आईजी ने कड़ी प्रत‍िक्र‍िया दी है।

नक्सली प्रवक्ता विकल्प द्वारा नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू के संगठन के नाम संदेश में उसकी मौत को शहीद के रूप में प्रस्तुत करने के प्रयास की कड़ी आलोचना करते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बुधवार को कहा कि यह दशकों की हिंसा को महिमामंडित करने वाला झूठा प्रचार है। नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजु कोई शहीद नहीं था, बल्कि वह आतंक और हिंसा के युग का मुख्य सूत्रधार था, जिसने हजारों निर्दोष आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों की हत्या करवाई, और सैकड़ों सुरक्षाबलों को आईईडी धमाकों और घात लगाकर किए गए हमलों में मौत के घाट उतारा। ऐसे व्यक्ति को जननायक के रूप में चित्रित करना न केवल भ्रामक है, बल्कि उन वीरों और नागरिकों का घोर अपमान है, जिन्होंने बस्तर की शांति और समृद्धि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

उल्‍लेखनीय है क‍ि दक्षिण बस्तर सब जोनल के प्रवक्ता और हार्डकोर नक्सली विकल्प ने 25 मई काे एक प्रेस नोट जारी किया। जिसमें नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू का संगठन के नाम संदेश का जिक्र करते हुए बताया गया है कि अप्रैल और मई के पुलिस के बड़े अभियानों का अंदेशा हमें पहले से थी, लेकिन सुरक्षित जगह में जाने के लिए महासचिव नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राज तैयार नहीं थे। उन्हाेंनेे अपनी सुरक्षा काे लेकर कहा था कि मेरे बारे में आप लोगाें काे चिंता नहीं करना, मै ज्यादा से ज्यादा और दो या तीन साल इस जिम्मेदारी को निभा सकता हू, युवा नेतृत्व के सुरक्षा पर ध्यान देना है।

बस्तर आईजी ने कहा कि नक्सली संगठन के महासचिव के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब पूरा नक्सल संगठन नेतृत्व विहीन हाे गया है। नक्सली संगठन टुकड़ों में बिखर चुका है, यह प्रेस वक्तव्य बचे नक्सली कैडरों के गिरते मनोबल को संबल देने की विफल कोशिश है।