समंदर की लहरों को कभी गौर से देखा है? कैसे वो चुपचाप आकर पैरों को छूती हैं और फिर लौट जाती हैं… बिना कोई आवाज किए। उन्हीं लहरों की तरह अनुराग बसु की हालिया फिल्म 'मेट्रो... इन दिनों' भी है। एक सुकून देने वाली कहानी, जो इमोशन्स के विशाल समंदर के किनारे बैठने का न्योता देती है। 


यह फिल्म दिल को छू लेने वाले रिश्तों की परतें खोलती है, जहां अलग-अलग पीढ़ियों के प्यार को बेहद खूबसूरत अंदाज़ में दिखाया गया है। अनुपम खेर, नीना गुप्ता, पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेन शर्मा, आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, अली फज़ल और फातिमा सना शेख जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों को इतने असलीपन से जिया है कि हर एक कहानी किसी न किसी को अपना-सा लगने लगती है। 'मेट्रो... इन दिनों' किसी आदर्श प्रेम की तलाश नहीं करती, बल्कि वो सिखाती है कि मोहब्बत में परफेक्ट होना ज़रूरी नहीं, उसे महसूस करना ज़रूरी है। यह फिल्म आपको सोचने का मौका देती है, हल्का करती है, और इमोशन्स के समंदर में एक ठंडी लहर बनकर आपके दिल को छू जाती है।

कहानी'मेट्रो... इन दिनों' चार ऐसे कपल्स की कहानी है, जिनकी जिंदगियां अलग-अलग मोड़ पर हैं, मगर एक धागे से बंधी हैं, मोहब्बत के। एक जोड़ा ऐसा है जिसका प्यार जवानी की दहलीज पर आकर बिछड़ गया था, दूसरा जोड़ा शादीशुदा जिंदगी से ऊब चुका है। तीसरा कपल फैमिली और करियर के बीच उलझा हुआ है, जबकि चौथा जोड़ा अब तक ये समझ ही नहीं पाया कि वो कब प्यार में पड़ गया।


 ये फिल्म दिखाती है कि कैसे वक्त के साथ रिश्तों में दरारें आती हैं, गलतियां होती हैं, मगर जब इंसान उन गलतियों को समझकर उन्हें सुधारना चाहता है, तब वह सफर ही असल कहानी बन जाता है। मेट्रो... इन दिनों न सिर्फ प्यार का मतलब बताती है, बल्कि ये भी सिखाती है कि जब प्यार हो जाए, तो उसे निभाना और खुद को उसमें खोने की बजाय संवारना कितना जरूरी है।

निर्देशनफिल्म 'मेट्रो... इन दिनों' का निर्देशन अनुराग बसु ने किया है, और कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। चार अलग-अलग कपल्स की कहानियों को जिस खूबसूरती से अनुराग ने पिरोया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। प्रीतम के म्यूजिक की मधुरता और अनुराग की कहानी कहने की कला एक अलग ही जोन में ले जाती है, जो शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है। फिल्म हंसी-मजाक से शुरू होती है, मगर धीरे-धीरे ये इश्क के मायने सिखाने लगती है। कुछ पल ऐसे आते हैं जब होठों पर मुस्कान आ जाती है, और कुछ ऐसे जब आंखें नम हो उठती हैं। अनुराग बसु की कहानी और स्क्रीनप्ले पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि दर्शक खुद को इमोशन्स के इस समुंदर में बहने से रोक नहीं पाते।

एक्टिंगअगर एक्टिंग की बात करें तो 'मेट्रो... इन दिनों' की पूरी स्टारकास्ट ने शानदार प्रदर्शन किया है। अनुपम खेर, नीना गुप्ता, पंकज त्रिपाठी, कोंकणा सेन शर्मा, आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, अली फजल और फातिमा सना शेख, हर किसी ने अपने-अपने किरदार में जान डाल दी है। इन कलाकारों की परफॉर्मेंस इतनी सहज और असरदार है कि कोई भी एक-दूसरे से कमजोर नहीं लगता। सबने अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया है। खास तौर पर पंकज त्रिपाठी की कॉमिक टाइमिंग फिल्म के इमोशनल पलों के बीच एक फ्रेश ब्रेथ की तरह आती है और दर्शकों को मुस्कुराने का मौका देती है। उनकी मौजूदगी कहानी को हल्का बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।

क्या देखे अगर 'मेट्रो... इन दिनों' की कमियों की बात करें तो वे बहुत ही मामूली हैं। यह फिल्म उन दर्शकों के लिए ज्यादा उपयुक्त है, जो हर सीन को ध्यान से देखने और हर इमोशन को महसूस करने का धैर्य रखते हैं। हालांकि, सेकेंड हाफ की शुरुआत में जब कहानियां अपने भावनात्मक मोड़ पर पहुंचती हैं, तब दर्शक किरदारों के संवाद और रिश्तों को और गहराई से देखना चाहते हैं, लेकिन उस वक्त म्यूजिक की अधिकता थोड़ी-सी रफ्तार थामती हुई महसूस होती है। इसके अलावा कुछ सीन्स भावनात्मक रूप से इतने गहरे हैं कि वे हर दर्शक के साथ जुड़ न पाएं, लेकिन इतना जरूर है कि वे बोर नहीं करते।

अगर ये कहा जाए कि 'मेट्रो... इन दिनों' से अनुराग बसु ने मेट्रो फिल्म सीरीज की विरासत को न सिर्फ जीवित रखा है, बल्कि उसे एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, तो ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। बॉलीवुड में लंबे समय से एक ऐसी दिल को छू लेने वाली रोमांटिक ड्रामा फिल्म की कमी महसूस की जा रही थी, जिसे 'मेट्रो... इन दिनों' बखूबी पूरा करती है। यह फिल्म आपको हंसाती है, रुलाती है, सोचने पर मजबूर करती है और आज के दौर में रिश्तों को निभाने और इश्क करने का नया तरीका भी सिखाती है। हमारी ओर से इस फिल्म को 3.5 स्टार मिलते हैं।

फिल्म : मेट्रो इन दिनों

कलाकार : अनुपम खेर , नीना गुप्ता , पंकज त्रिपाठी , कोंकणा सेन शर्मा , अली फजल

फातिमा सना शेख , आदित्य रॉय कपूर , सारा अली खान , सास्वत चटर्जी और कुश जोतवानी

निर्देशक : अनुराग बसु

निर्माता : अनुराग बसु , भूषण कुमार, कृष्ण कुमार और तानी बसु

रेटिंग : 3.5/5