गंगा पर झूठी राजनीति, कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद! उत्तराखंड सरकार का करारा जवाब
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर
कांग्रेस द्वारा लगाए गए प्रदूषण के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया
है। गंगोत्री क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से संबंधित
कांग्रेस के दावों को जांच रिपोर्ट्स के माध्यम से झूठा साबित करते हुए
सरकार ने इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था
कि गंगोत्री के 100 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के जल में फेकल कॉलीफॉर्म की
मात्रा 540 एमपीएन पाई गई है, जो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के मानकों से
अधिक है। इसके जवाब में उत्तराखण्ड जल संस्थान ने ईसीओएन लेबोरेटरी एंड
कंसल्टेंसी की रिपोर्ट पेश की, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि एसटीपी का पानी
पूरी तरह से एनजीटी के मानकों के अनुरूप है। उत्तराखण्ड जल संस्थान ने इस
मामले में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अनुबंधित एजेंसियों की
रिपोर्ट्स में पाए गए किसी भी तरह के अंतर की जांच कराने का भी आश्वासन
दिया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में 53 सीवरेज ट्रीटमेंट
प्लांट्स कार्यरत हैं, और जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उनकी नियमित
निगरानी की जाती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर
गंगा के नाम पर झूठी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गंगा
हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और इसे स्वच्छ व पवित्र बनाए रखना हमारी
प्राथमिकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि गंगा के नाम पर फैलाए जा रहे
दुष्प्रचार पर विश्वास न करें।
सरकार ने कहा कि गंगा की निर्मलता और
अविरलता बनाए रखने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। "नमामि गंगे"
परियोजना के तहत राज्य में जल शुद्धिकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई
है। साथ ही, गंगा के किनारे बसे शहरों में उन्नत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स
स्थापित किए जा रहे हैं।सरकार ने कांग्रेस से जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका
निभाने की अपील करते हुए कहा कि गंगा जैसे मुद्दों पर राजनीति करना अनैतिक
है। राज्य सरकार ने दोहराया कि गंगा की स्वच्छता के लिए वह पूरी तरह
प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इस दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे।