हरिद्वार। संसद में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्हाेंने अमित शाह के बयान को न केवल डॉ. अंबेडकर का अपमान बताया, बल्कि इससे करोड़ों देशवासियों की भावना को ठेस पहुंची है।

प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह से राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की, वह निंदनीय व अस्वीकार्य है। इतना ही नहीं, अपने बयान से ध्यान हटाने के लिए संसद के बाहर जो भाजपा ने ड्रामा किया और जिस तरह झूठ फैलाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज कराई, वह दर्शाता है कि भाजपा अंदर से कितनी डरी हुई है।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के बयान से उनके संगठन की भावना झलकती है। अम्बेडकर को केवल भारत के नहीं बल्कि दुनिया के करोड़ाें इंसान उनको मानव के रूप में भगवान मानते हैं। अम्बेडकर को लेकर भी लोगों के मन में ऐसी भावना है। जो गृह मंत्री ने कहा कि वह अशोभनीय व अस्वीकार्य है। इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा और उसका संगठन दोनों ने ही अम्बेडकर को कभी स्वीकार नहीं किया।

हरीश ने कहा कि चाहे पहले की हिंदू महासभा हो या जनसंघ या अब की भाजपा इनके नेता चाहते हैं कि भारत का संविधान मनु स्मृति के आधार पर चले। ये तथ्य है कि इसको लेकर हिंदू महासभा ने संविधान व डॉ. अम्बेडकर के खिलाफ लगातार कैंपेन भी चलाया। उन्होंने कहा कि यह वही जनसंघ से उपजी भाजपा है जिसके संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे, जो मुस्लिम लीग के मंत्रिमंडल में थे।

संसदीय गतिरोध पर बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लेकर गृह मंत्री के बयान से ध्यान हटाने के लिए भाजपा एक सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेसियों का दमन कर रही है। इसको लेकर अब देशभर में कांग्रेस मुख्यालय में मार्च होगा और हमारी मांग होगी कि गृह मंत्री इस्तीफा दें।

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