बीजिंग: 13वें वर्ल्ड पीस फोरम में वैश्विक सुरक्षा पर गहन मंथन
बीजिंग, 04 जुलाई (हि.स.)। चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित 13वें वर्ल्ड पीस फोरम में 86 देशों और क्षेत्रों के 1,200 से अधिक विशेषज्ञ, नीति निर्माता और पूर्व राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। फोरम का इस बार का थीम "वैश्विक शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाना: साझा जिम्मेदारी, लाभ और उपलब्धि" है।
फोरम का उद्घाटन करते हुए त्सिंगहुआ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और वर्ल्ड पीस फोरम के चेयरमैन ली लुमिंग ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अस्थिरता और बढ़ते क्षेत्रीय संघर्षों के कारण विश्व शांति और विकास अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय में वैश्विक एकता और संवाद को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।
फोरम के प्रमुख वक्ताओं में शामिल जापान के पूर्व प्रधानमंत्री युकियो हातोयामा ने कहा कि “शांति हथियारों से नहीं, संवाद से हासिल की जा सकती है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जापान को अमेरिका से अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता मजबूत करते हुए चीन और कोरिया के साथ त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाना चाहिए।
हातोयामा ने ताइवान मुद्दे को चीन का आंतरिक मामला बताया और जापान से आग्रह किया कि वह ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थन से स्पष्ट रूप से दूरी बनाए ताकि क्षेत्रीय तनाव को कम किया जा सके।
फोरम में कुल चार मुख्य सत्र और 18 पैनल चर्चाएं आयोजित होंगे, जिनमें अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, वैश्विक सुरक्षा संकट, ग्लोबल साउथ की भूमिका और महाशक्तियों के बीच समन्वय जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
यह फोरम 2012 से त्सिंगहुआ विश्वविद्यालय और चीनी जन विदेश मामलों की संस्था द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नीति विशेषज्ञों और वैश्विक थिंक टैंकों के लिए संवाद का एक प्रभावी मंच प्रदान करना है।