गाजा। गाजा पट्टी में जारी मानवीय संकट के मद्देनजर 22 देशों ने इजराइल से अपील की है कि वह गाजा में मानवीय सहायता की "सीमित बहाली" की बजाय पूर्ण और निर्बाध आपूर्ति को तत्काल अनुमति दे। इस मुद्दे पर देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें इजराइल सरकार से स्पष्ट रूप से दो प्रमुख मांगें की गई हैं।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि मौजूदा सहायता संगठन गाजा में मानवीय कार्यों को फिर से शुरू करने की इच्छाशक्ति और क्षमता रखते हैं, और वे किसी "नई प्रणाली के तहत सहायता पहुंचाने के मॉडल" का समर्थन नहीं करेंगे।

बयान में कहा गया, "एक मानवीय दाता समूह के रूप में, हमारा इस्राइली सरकार से दो टूक आग्रह है: गाजा में मानवीय सहायता की पूर्ण बहाली तत्काल सुनिश्चित की जाए और संयुक्त राष्ट्र व अन्य मानवीय संगठनों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्बाध रूप से काम करने दिया जाए, ताकि जानें बचाई जा सकें, पीड़ा को कम किया जा सके और लोगों की गरिमा को बनाए रखा जा सके।"

इस संयुक्त वक्तव्य पर जिन देशों के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए हैं, उनमें प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम (यूके) शामिल हैं।

सहायता की सीमित बहाली को बताया 'अपर्याप्त'

बयान में इजराइल द्वारा हाल ही में घोषित "सीमित रूप से सहायता बहाली" के फैसले को अपर्याप्त बताया गया है। इन देशों का कहना है कि मौजूदा मानवीय स्थिति में यह कदम नाकाफी है और स्थायी समाधान की ओर नहीं ले जाता।

उल्लेखनीय है कि गाजा में महीनों से जारी संघर्ष के कारण हजारों नागरिक विस्थापित हुए हैं, और भोजन, पानी, दवा व बुनियादी सेवाओं की भारी कमी बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय बार-बार इजराइल और अन्य पक्षों से मानवीय सहायता मार्ग खोलने की मांग करता रहा है।