पाकिस्तान में आजादी का जश्न, बलूचिस्तान प्रांत में कर्फ्यू जैसी स्थिति
क्वेटा (बलूचिस्तान) पाकिस्तान, । पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत मुल्क की आजादी के जश्न से कोसों दूर है। संघीय सरकार ने देश के राष्ट्रीय दिवस से पहले बलूचिस्तान में कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। रात के समय सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रेलगाड़ियों को रोक दिया गया है। मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी है। बलूचिस्तान के प्रमुख शहरों के प्रवेश और निकास द्वार बंद करा दिए गए हैं। पाकिस्तान की संघीय सरकार के इन कदमों से पूरे बलूचिस्तान में कर्फ्यू जैसी स्थिति है। बाशिंदों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ऑनलाइन समाचार आउटलेट द बलूचिस्तान पोस्ट ने आज अपनी खबर में मौजूदा सूरत-ए-हाल के दौरान लोगों को हो रही कठिनाई का जिक्र किया है। परिवहन विभाग के हवाले से कहा गया है कि बलूचिस्तान में शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी गई है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के रूट परमिट रद्द कर दिए जाएंगे। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ बलूचिस्तान के सभी शहरों और जिलों पर भी लागू है।
क्वेटा, कराची, मकरान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों के बीच हजारों लोग रोजाना सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करते हैं। इन प्रतिबंधों के कारण कई लोग फंस गए हैं। बलूचिस्तान में अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण, इलाज के लिए कराची जाने वाले मरीजों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन प्रतिबंधों के विरोध में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
क्वेटा से अंतरप्रांतीय रेल सेवाएं लगातार चौथे दिन भी स्थगित रहीं। पाकिस्तान रेलवे ने कहा है कि मस्तुंग के दश्त इलाके में जाफर एक्सप्रेस पर हुए बम हमले के बाद यह निलंबन 14 अगस्त तक जारी रहेगा। मार्च में इसी ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक किया था। इस दौरान पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के कई जवान मारे गए थे।
सड़क और रेल यात्रा प्रतिबंधित होने के कारण कई नागरिक हवाई यात्रा की ओर रुख कर रहे हैं। इस वजह से किराए में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। इस्लामाबाद का किराया जो आमतौर पर 18,000 से 20,000 रुपये होता है, बढ़कर 50,000 रुपये से अधिक हो गया है। फ्लाई जिन्नाह रोजाना उड़ानें संचालित करता है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस हफ्ते में तीन से चार बार और सेरेन एयर हफ्ते में एक बार उड़ानें संचालित करती है।
छह अगस्त से बलूचिस्तान के सभी 36 जिलों में 3जी और 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। यह ब्लैकआउट 31 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है। बलूचिस्तान में पहले से ही देश का सबसे कमजोर ऑनलाइन बुनियादी ढांचा है। 60 प्रतिशत क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। लगभग 1.5 करोड़ निवासियों में से आधे से ज्यादा पूरी तरह से मोबाइल डेटा पर निर्भर हैं। फिक्स्ड लाइन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या केवल लगभग 70,000 है।
इस बंद का असर फ्रीलांसर, ऑनलाइन कारोबार करने वालों, फूड डिलीवरी करने वालों, विद्यार्थियों और व्यापारियों पर पड़ा है। मोबाइल बैंकिंग और ऑनलाइन भुगतान प्रणालियां ठप हो गई हैं। टेलीमेडिसिन सेवाएं भी बंद हैं।
बलूचिस्तान मानवाधिकार आयोग ने इन प्रतिबंधों की निंदा करते हुए इन्हें नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है।
बंदरगाह शहर ग्वादर में सुरक्षा चिंताओं और पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह की तैयारियों के कारण पिछले तीन दिनों से सभी प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं। सड़कें सुनसान हैं। यातायात बहुत कम है और निवासी अपने घरों में कैद हैं।
इन प्रतिबंधों के बावजूद बलूचिस्तान के विभिन्न हिस्सों में सशस्त्र हमले जारी हैं। इनके निशाने पर पाकिस्तान के सुरक्षा बल, पुलिस, कथित तौर पर सरकार समर्थित स्थानीय सशस्त्र समूह (मौत के दस्ते), संचार प्रणालियां और रेलवे सेवाएं शामिल हैं। बसिमा इलाके में कल हुए एक हमले में पाकिस्तान की सेना के एक कैप्टन समेत आठ अन्य जवान मारे गए। क्वेटा में पुलिस और सरकारी दफ्तरों को बम हमलों का निशाना बनाया गया है। जियारत में हथियारबंद लोगों ने डिप्टी कमिश्नर और उनके बेटे का अपहरण कर लिया। जेहरी में पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर भी कई हमले हुए।