पूर्वी सिंहभूमसीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला(सीएसआईआर–एनएमएल) की ओर से शुक्रवार कोखनिज और धातुओं के परिष्करण और निष्कर्षण पर आधारित उद्योग सम्मेलन का आयोजन किया गया।

इस आयोजन का उद्देश्य अनुसंधान, संसाधनों और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित कर सतत विकास को प्रोत्साहित करना था। यह सम्मेलन संस्थान की प्लेटिनम जुबली (75वीं वर्षगांठ) के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें एनएमएल की खनिज प्रसंस्करण, धातु निष्कर्षण और नवाचारों में दशकों की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ। सीएसआईआर–एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने स्वागत भाषण देते हुए संस्थान की स्वदेशी तकनीकों और उद्योगों के साथ सहयोग की परंपरा को बताया।

मुख्य अतिथि प्रदीप कुमार पी. (प्रबंध निदेशक, केरल मिनरल्स एंड मेटल्स लिमिटेड – केएमएमएल) ने अनुसंधान आधारित नवाचार और सतत खनिज उपयोग को भारत के औद्योगिक परिवर्तन की कुंजी बताया। वहीं विशिष्ट अतिथियों डॉ. एन. आनंदवल्ली (निदेशक, सीएसआईआर–एसईआरसी एवं समन्वय निदेशक, सीएसआईआर मद्रास परिसर) और डॉ. के.जे. श्रीराम (निदेशक, सीएसआईआर–सीएलआरआई) ने उद्योगों और अनुसंधान संस्थानों के बीच भावी सहयोग की संभावनाओं पर बल दिया।

इस अवसर पर सीएसआईआर–एनएमएल ने केएमएमएल, महेश्वरी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (एमएमपीएल) और फाउंडेशन फॉर साइंस, इनोवेशन एंड डेवलपमेंट, आईआईएससी बेंगलुरु के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। सम्मेलन के दो तकनीकी सत्रों में खनिज परिष्करण, निष्कर्षण और महत्वपूर्ण खनिज

पुनर्प्राप्ति से जुड़ी औद्योगिक केस स्टडी प्रस्तुत की गईं।

कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें कोल इंडिया, महेश्वरी माइनिंग, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, एफएलएस प्राइवेट लिमिटेड, अन्ना यूनिवर्सिटी, एनआईटी कालीकट, इंडो-सॉम मिनरल्स (सोमालिया), सेंट-गोबिन और रामको सीमेंट जैसी संस्थाओं के विशेषज्ञ शामिल थे।