जयपुर। राजस्थान के 49 शहरी निकायों का संचालन अब प्रशासक करेंगे। इन निकायों के बोर्ड का कार्यकाल सोमवार को खत्म हो गया। चुनाव नहीं होने के कारण स्वायत्त शासन विभाग ने यहां प्रशासक नियुक्त कर लिए। इनमें पांच नगर निगम, 18 नगर परिषद और 26 नगर पालिका है।

नगर निगमों में जिला कलक्टर, परिषद में एडीएम, पालिकाओं में एसडीएम को जिम्मेदारी दी गई है। राज्य सरकार की मंशा एक राज्य-एक चुनाव की है, इसलिए स्वायत्त शासन विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी हुई है, लेकिन जवाब नहीं आया। इस कारण पिछले दिनों ही सरकार ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर चुनाव की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। इसमें वार्ड गठन कर परिसीमन करने के दिए आदेश दिए गए। हालांकि, यह प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च तक पूरी होगी, इसलिए प्रशासन उस समय तक तो काम करेंगे।

जिन 49 निकायों का कार्यकाल खत्म हुआ है, उनमें अलवर, भरतपुर, पाली, बीकानेर, उदयपुर नगर निगम, ब्यावर, पुष्कर, टोंक, मकराना, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भिवाड़ी, सीकर, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा,सिरोही, सुमेरपुर, जालोर, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़ नगर परिषद और नसीराबाद, डीडवाना, राजगढ़, सूरतगढ़, थानागाजी, महुआ, नीमकाथाना, खाटूश्यामजी, बिसाऊ, पिलानी, फलौदी, माउंटआबू, पिण्डवाडा, शिवगंज, भीनमाल, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल, रूपवास, कानोड़, प्रतापपुरगढ़ी, निम्बाहेडा, रावतभाटा, नाथद्वारा, आमेट नगर पालिका शामिल है। अब नया बोर्ड बनने तक यहां प्रशासक तमाम निर्णय करते हुए सरकार के पास प्रस्ताव भिजवाएंगे। सरकार ने प्रशासक के तौर पर इन जगहों पर कलेक्टर, उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) को नियुक्त किया है। जहां नगर निगम है वहां कलेक्टर, जहां नगर परिषद है वहां एडीएम और जहां नगर पालिका है, वहां एसडीएम प्रशासक के तौर पर लगाया है।

सरकार ने 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' के तहत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में एक साथ चुनाव करवाने का बजट में ऐलान किया है। इसे देखते हुए सरकार ने अब इन निकायों के अलावा 109 अन्य नगरीय निकायों में भी परिसीमन का काम शुरू करने के आदेश संबंधित जिलाें के जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए हैं। वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत अगर सरकार चुनाव करवाती है तो वह साल 2026 में ही हो सकते हैं। क्योंकि अजमेर नगर निगम का कार्यकाल फरवरी 2026 में खत्म होगा। वहीं जयपुर, कोटा, जोधपुर नगर निगमों के अलावा अन्य निकायों का कार्यकाल नवंबर 2025 में पूरा होगा।

अब एक से 30 दिसंबर तक जिला निर्वाचन अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के नगरीय निकायों का परिसीमन करके उसका ड्राफ्ट प्लान तैयार करके 30 दिसंबर तक प्रकाशित करवाना होगा। 31 दिसंबर से 19 जनवरी 20025 तक इस ड्राफ्ट प्लान पर आपत्तियां मांगी जाएंगी और 20 जनवरी से आठ फरवरी तक इन आपत्तियों और दावों पर टिप्पणी सहित सम्पूर्ण परिसीमन की रिपोर्ट राज्य सरकार को भिजवानी होगी। राज्य सरकार इन आपत्तियों का निस्तारण नाै फरवरी से एक मार्च तक करेगी। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने भी इन निकायों में खत्म होते कार्यकाल को देखते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू करवा दी है। आयोग ने पिछले दिनों सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को पत्र लिखकर मौजूदा वार्ड के मुताबिक वोटिंग लिस्ट बनाने पर काम शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत डीईओ को सात दिन में प्रगणकों की नियुक्ति करने के लिए कहा है।

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