श्री रामनवमी पर विशेष : सूरत में 1100 करोड़ राम नाम का मंदिर मंदिर में प्रतिमा नहीं, राम नाम की पुस्तिकाओं को रखा गया है
सूरत। राम से बड़ा राम का नाम...इस कथन को चरितार्थ करता हुआ श्रीराम नाम का मंदिर सूरत में हजारों लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। 1100 करोड़ राम नाम से बनी पुस्तकाओं के बॉक्स को इस मंदिर में रखा गया है। इन पुस्तिकाओं को करीब डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लिखकर दिया है। राम नाम लिखने का क्रम अभी जारी है, लोग राम नाम की शक्ति से अद़्भुत आध्यात्मिक शक्ति और शांति की अनुभूति कर आनंदित होते हैं।
सूरत में ताप्ती नदी के किनारे पाल-अडाजण क्षेत्र के रामजी ओवारा पर भगवान श्रीराम का अद्भुत मंदिर है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम की कोई प्रतिमा नहीं है। यदि है तो सिर्फ राम नाम की महिमा का खजाना। इस खजाने को तैयार करने वाले श्रद्धालु हैं, जिनमें भगवान श्रीराम के नाम के प्रति असीम श्रद्धा हैं। मारुति सेवा ट्रस्ट की ओर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं को श्रीराम नाम की पुस्तिका वितरित की गई थीं। एक पुस्तिका में 28,860 श्रीराम नाम लिखा जा सकता है। ऐसी ही हजारों पुस्तिकाओं पर लोगों ने भगवान श्रीराम का नाम लिखकर मंदिर के ट्रस्टियों-पुजारियो को सौंपे। बाद में इन पुस्तकाओं का बंडल (बॉक्स) बनाकर 1100 करोड़ राम नाम का मंदिर बनाया गया।
मंदिर के पुजारी विवेक शुक्ला ने बताया कि मंदिर प्रांगण में पहले से श्रीराम, जानकी के साथ राम दरबार की प्रतिमा है। इस राम जानकी मंदिर के बगल में 1100 करोड़ श्रीराम नाम मंदिर और विश्व शांति श्रीराम स्तंभ है। स्तंभ पंचधातु का बना है। श्रद्धालु इसकी परिक्रमा कर मनोवांक्षित फल प्राप्त करते हैं। एक से लेकर 108 तक जिसकी जितनी श्रद्धा वह उतनी परिक्रमा करता हैं। मंदिर के भद्रेश पटेल बताते हैं कि श्रीराम नाम में अद्भुत शक्ति है। इस नाम के सहारे सदियों से लोग भवसागर पार करते आए हैं। इसी राम नाम की महिमा को लेकर हजारों श्रद्धालु भगवान राम शब्द को लिखते हैं। राम नाम की पुस्तिका तैयार हो जाने पर इसका बॉक्स बनाकर इस राम राम मंदिर में रख दिया जाता है। मंदिर की स्थापना 2022 में शरद पूर्णिमा को हुई थी।