संदेशखाली मामले में ईडी ने शुरू की शेख शाहजहां की जब्त संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया
कोलकाता,। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संदेशखाली मामले के मुख्य
आरोपित और निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां की जब्त संपत्तियों की
नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। शाहजहां पर भूमि कब्जा और महिलाओं के यौन
उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं, जिनकी गूंज पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले
पूरे पश्चिम बंगाल में सुनाई दी थी।
ईडी सूत्रों के अनुसार, नीलामी
प्रक्रिया की शुरुआत शाहजहां और उनके परिवार के नाम पर पंजीकृत तीन महंगे
एसयूवी वाहनों से की जा रही है। इन तीन वाहनों की कुल बाजार कीमत एक करोड़
रुपये से अधिक आंकी गई है। इसके लिए ईडी ने कोलकाता की एक विशेष अदालत से
अनुमति मांगी है, ताकि इन वाहनों को नीलाम किया जा सके। फिलहाल ये वाहन
कोलकाता के साल्टलेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में खड़े हैं।
सूत्रों
ने बताया कि इन तीन वाहनों की नीलामी के बाद शाहजहां की अन्य संपत्तियों,
जिनमें भूमि और निर्मित संरचनाएं शामिल हैं, की नीलामी की प्रक्रिया शुरू
की जाएगी। जब्त वाहनों में से एक शेख शाहजहां के नाम पर पंजीकृत है, दूसरा
उनके भाई शेख आलमगीर के नाम पर और तीसरा एक कॉर्पोरेट संस्था के नाम दर्ज
है, जो शेख परिवार के नियंत्रण में है।
शेख शाहजहां पर अवैध भूमि
कब्जा और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के अलावा, ईडी अधिकारियों और उनके साथ
मौजूद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों पर हमले का भी आरोप
है। यह हमला पांच जनवरी 2023 की सुबह हुआ था, जब ईडी अधिकारियों ने पश्चिम
बंगाल के राशन वितरण घोटाले से जुड़ी जांच के तहत शाहजहां के आवास पर छापा
मारने की कोशिश की थी। उनके समर्थकों और स्थानीय ग्रामीणों ने इस कार्रवाई
का हिंसक विरोध किया था।
कई दिनों तक फरार रहने के बाद, शेख
शाहजहां को आखिरकार पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में ईडी के
हवाले कर दिया। शाहजहां की नजदीकी राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति
मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक से रही है, जिन्हें राशन वितरण घोटाले में ईडी
ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, मल्लिक फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
ईडी की इस कार्रवाई को संदेशखाली कांड में शाहजहां की अवैध गतिविधियों पर शिकंजा कसने के रूप में देखा जा रहा है।