भांगड़ (दक्षिण 24 परगना),  जैसे-जैसे 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके में राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस और आईएसएफ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के बीच लगातार विवाद और झड़पें बनी हुई हैं।

गुरुवार सुबह भांगड़ के उत्तर काशीपुर थाने के अंतर्गत चंडीहाट क्षेत्र में तृणमूल का पार्टी झंडा जलाए जाने को लेकर दोनों गुटों के बीच फिर से तनाव फैल गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। इस घटना में पुलिस ने एक आईएसएफ कार्यकर्ता को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर पार्टी का झंडा जलाया। वहीं, आईएसएफ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

स्थानीय तृणमूल नेता मोहसिन मोल्ला ने कहा कि आईएसएफ हमेशा गंदी राजनीति करता है। आज उन्होंने हमारे पार्टी के झंडे को जलाया है। हमारे कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति को मौके पर ही पकड़ लिया। पुलिस जांच कर रही है। वे शांत इलाकों में अशांति फैलाने की साजिश कर रहे हैं।

वहीं, आईएसएफ के जिला परिषद सदस्य और स्थानीय नेता रैनूर हक ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि तृणमूल वाले खुद ही अपने झंडे फाड़कर और जलाकर हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। प्रशासन के जरिए वे आईएसएफ कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजने की साजिश कर रहे हैं। यह सब चुनावी षड्यंत्र है।

घटना के बाद इलाके में भारी तनाव व्याप्त है। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।