जम्मू संभाग में बारिश से तबाही : वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन में 6 समेत 10 की मौत
जम्मू, । मंगलवार को जम्मू संभाग में नदियां उफान पर आ गईं, तेज़ पानी ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तहस-नहस कर दिया और पेड़ तथा चट्टानें ढलानों से नीचे गिर गईं, जिससे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आए छह तीर्थयात्री भी शामिल हैं।
लगातार भारी बारिश ने न केवल जम्मू में तबाही मचाई बल्कि अचानक बाढ़, भूस्खलन हुआ और वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई। इसके अलावा कश्मीर घाटी में भी तबाही मची। भारी बारिश के चलते पुल ढहने और मोबाइल टावरों तथा बिजली के खंभों के टहनियों की तरह टूटने से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के बड़े हिस्से में दूरसंचार सेवाएँ ठप हो गईं हैं जिससे लाखों लोग संचार से कट गए और समस्याएँ बढ़ गईं।
उन्होंने बताया कि जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात स्थगित कर दिया गया और दर्जनों पहाड़ी सड़कें भूस्खलन या अचानक बाढ़ के कारण अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो गईं। जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं।
त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर का घुमावदार रास्ता तबाही का मंजर दिखा रहा था। दोपहर करीब 3 बजे पहाड़ी का ढलान ढह जाने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लोग घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि अधक्वारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल जुटे हुए हैं और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। कटरा शहर से पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में एक जगह भूस्खलन हुआ।
मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं। हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित थी, लेकिन पुराने रास्ते पर दोपहर 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही, जब अधिकारियों ने बारिश को देखते हुए एहतियाती कदम उठाते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया।
पंजाब के मोहाली की किरण भी पत्थरों, पेड़ों और चट्टानों की बौछार में फंसने वालों में शामिल थीं। किरण का कटरा के एक अस्पताल में उपचार जारी है। किरण सहित पांच लोगों एक समूह था जो माता वैष्णों देवी की यात्रा के लिए आए थे। इस समूह में से तीन लोग घायल हैं। कुछ घायलों को जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर दूर कटरा के नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जम्मू के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कटरा और उसके आसपास बचाव और राहत कार्यों में सेना की तीन राहत टुकड़ियाँ तुरंत तैनात की गईं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सेना की एक टुकड़ी अर्धकुंवारी, कटरा में लोगों की जान बचाने में मदद कर रही है, एक राहत टुकड़ी कटरा से ठाकरा कोट जाने वाली सड़क पर भूस्खलन वाले स्थान पर पहुँच गई है और एक सेना की टुकड़ी जौरियाँ के दक्षिण में सहायता प्रदान कर रही है। लोगों की जान बचाने, ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान करने और नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने के प्रयास जारी हैं। नागरिक एजेंसियों के साथ निकट समन्वय किया जा रहा है।
बारिश के कहर का यह दिन किश्तवाड़ जिले के चशोती में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के कुछ दिनों बाद आया है जो मचैल माता मंदिर के रास्ते में आखिरी मोटर योग्य गाँव है, 14 अगस्त को आई बाढ़ में 65 लोग मारे गए थे जिनमें ज़्यादातर तीर्थयात्री थे और 100 से ज़्यादा घायल हुए। कई लोग अभी भी लापता हैं। बारह दिन बाद एक बार फिर निराशा लौट आई है।
मंगलवार को जम्मू प्रांत में बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में डोडा जिले में कम से कम चार लोगों के मारे गए हैं। इनमें से तीन फिसलकर नदी में गिर गए और तेज बहते पानी में डूब गए जबकि एक की घर ढहने से मौत हो गई। क्षेत्र के निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया है।
अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचने की सूचना मिली हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की असली तस्वीर ज़मीनी हालात के आकलन के बाद ही सामने आएगी।
इसी बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने एक आपात बैठक की अध्यक्षता की और ज़िला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।
बाढ़ के कारण क्षेत्र के लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह गए हैं जिससे निचले इलाके और प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कठुआ में रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया है जिससे कठुआ जिले में भारी बाढ़ आ गई है।
तराना, उझ, तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियाँ भी अपने खतरे के निशान को पार कर गई हैं जिससे पुलिस और नागरिक अधिकारियों को लोगों से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की बार-बार सार्वजनिक अपील करनी पड़ रही है।
मौसम विभाग के अनुसार कठुआ जिले में सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटों के दौरान 155.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिमी, जम्मू में 81.5 मिमी और कटरा में 68.8 मिमी बारिश हुई है। प्रशासन ने लोगों को जल निकायों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने के लिए सलाह जारी की।
शहरी क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए अधिकारियों द्वारा अथक प्रयास के बीच विभिन्न स्थानों पर ऑप्टिकल फाइबर को व्यापक नुकसान के बाद जम्मू और कश्मीर में सभी सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क में व्यवधान की सूचनाएं मिल रही हैं।
संचार ब्लैकआउट ने आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों में बाधा डाली और निवासियों में दहशत फैल गई। दूरसंचार ऑपरेटरों ने कहा कि सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए तकनीकी टीमों को तैनात किया गया है।
जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 27 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी बुधवार को होने वाली कक्षा 10वीं और 11वीं की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
इसके अलावा जम्मू में बीएसएफ समेत विभिन्न सुरक्षा संगठनों में कांस्टेबलों की भर्ती अभियान भी दिन भर के लिए रोक दिया गया।