रांची, । झारखंड विधानसभा में झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पर चर्चा होने के बाद मंगलवार को विधेयक पास हुआ। विधेयक का उद्देश्य राज्य के कोचिंग संस्थानों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। विधेेेयक पर विभागीय मंत्री सोनू सुदिव्य ने कहा कि कोचिंग सेंटरों की पढ़ाई के साथ-साथ सुरक्षा को भी अब नियमों में शामिल किया गया है। 


अब मेडिकल इंजीनियर सहित उच्चस्तरीय पढ़ाई के नाम पर जो घपलेबाजी और कोचिंग सेंटरों की मनमानी चलती थी, उसपर अब विराम लगेगी। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करने के बाद शटर बंद कर भाग नहीं सकेंगे। कई बार सूचना मिली कि अमुक कोचिंग सेंटर ने छात्रों से मोटी रकम वसूल कर फरार हो गया। ऐसी स्थिति में संबंधित संस्थान और उसमें शामिल लोग भी जिम्मेदार होंगे। इन सभी कार्रवाई होगी।

मंत्री ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे महंगे कोर्स करने वाले छात्रों की फीस की सुरक्षा की गारंटी होगी। हर संस्थान को एक यूनिक नंबर मिलेगा और हर छात्र के लिए एक अलग आईडी बनाई जाएगी। कोचिंग सेंटरों में वॉशरूम, शुद्ध पेयजल, सीसीटीवी कैमरा, पार्किंग और साफ-सफाई की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए हर कोचिंग में काउंसलर रखना जरूरी होगा।

मंत्री ने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि सभी कोचिंग को 60 दिनों में आवेदन करना होगा। सफल अभ्यर्थियों के नाम से विज्ञापन करने का अधिकार केवल छह संस्थानों को मिलेगा।

वहीं विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने फीस और बेसमेंट में पार्किंग प्रावधानों पर जोर दिया। वहीं विधायक राज सिन्हा ने कम समय में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों को एडमिशन के समय ही फीस वापसी का प्रावधान रखने की मांग की।