नई दिल्ली,  । ऐरोमा केमिकल्स और वैल्यू-एडेड डेरिवेटिव्स बनाने वाली कंपनी जेम एरोमैटिक्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में सपाट एंट्री करने के बाद बिकवाली के दबाव में कमजोरी के साथ बंद होकर अपने आईपीओ निवेशकों को काफी निराश कर दिया। 


आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 325 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग बिना किसी के बदलाव के 325 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर इसकी लिस्टिंग मामूली बढ़त के साथ 333.10 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद खरीदारी शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर उछल कर 349.60 रुपये के स्तर तक पहुंचे, 

लेकिन इसके बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण इसके भाव में गिरावट आ गई। पूरे दिन का कारोबार होने के बाद जेम एरोमैटिक्स के शेयर 319.05 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 1.83 प्रतिशत के नुकसान का सामना करना पड़ा।

जेम एरोमैटिक्स का 451.25 करोड़ रुपये का आईपीओ 19 से 21 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 30.45 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 53.76 गुना सब्सक्राइब हुआ था। 

इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 45.96 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 10.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 175 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 85 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ के जरिये नए शेयरों की बिक्री से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी सब्सिडरी क्रिस्टल इनग्रेडिएंट्स के कर्ज को कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 44.67 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 50.10 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 53.38 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

 इस दौरान कंपनी का राजस्व 9 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 505.64 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी पर कर्ज भी लगातार बढ़ा। कंपनी पर वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में 89.36 करोड़ रुपयेका कर्ज था, जो वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में बढ़ कर 111.13 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 222.37 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।