नई दिल्‍ली,  । भारत की व्यापार नीति के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षरित भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) एक अक्टूबर से प्रभावी हो गया। ये भारत का चार विकसित यूरोपीय राष्ट्रों के साथ पहला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है। यह 100 अरब डॉलर के निवेश और 10 लाख नौकरियों को बढ़ावा देने वाला समझौता है।

देश के सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौतों में से एक माने जाने वाले इस समझौते के तहत ईएफटीए के सदस्य देश अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने के साथ-साथ दस लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत का यह पहला ऐसा एफटीए है जिसमें इस तरह का बाध्यकारी संकल्प जाहिर किया गया है। किसी भी भारतीय एफटीए में पहली बार किया गया यह बाध्यकारी वचन, विनिर्माण, नवाचार और अनुसंधान में दीर्घकालिक, क्षमता निर्माण निवेश पर समझौते के फोकस को रेखांकित करता है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक टीईपीए जिसमें 14 अध्याय शामिल हैं, वस्तुओं के लिए बाज़ार पहुंच, व्यापार सुगमता, निवेश प्रोत्साहन, सेवाएं, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल करता है। यह भारत के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ईएफटीए के विविध, सुदृढ़ साझेदारियों के प्रयासों के साथ जोड़ता है, जिससे भारत और इन यूरोपीय देशों के बीच गहरे आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलता है।

टीईपीए क्या है?

टीईपीए (व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता) एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी समझौता है, जिसमें भारत द्वारा हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में पहली बार निवेश और रोज़गार सृजन पर बाध्यकारी संकल्प जाहिर किया गया है। इस समझौते के दायरे में ईएफटीए की आधिकारिक सीमा शुल्क सूची की 92.2 फीसदी उत्पाद प्रविष्टियां (भारतीय निर्यात का 99 फीसदी) शामिल हैं। इसमें भारतीय सीमा शुल्क सूची की 82.7 फीसदी उत्पाद प्रविष्टियां (ईएफटीए के निर्यात का 95.3 प्रतिशत) आती हैं जिससे डेयरी, सोया, कोयला और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों का संरक्षण होगा। इस समझौते से बाजार तक पहुंच का विस्तार होगा, मैनुफैक्चरिंग और नवोन्मेष को बल मिलेगा तथा प्रौद्योगिकी और संवहनीयता में सहयोग मजबूत होगा। इसके अलावा डिजिटल डिलीवरी, वाणिज्यिक उपस्थिति और पेशेवर गतिशीलता तथा नर्सिंग, अकाउंटेंसी और वास्तुकला जैसे क्षेत्रों में आपसी मान्यता समझौतों (एमआरए) से सेवा निर्यात को लाभ होगा।

ईएफटीए क्या है?

ईएफटीए आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड का एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1960 में इसके तत्कालीन 7 सदस्य देशों द्वारा आपसी मुक्त व्यापार और आर्थिक एकीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए की गई थी। ईएफटीए यूरोप के तीन आर्थिक समूहों (अन्य 2 यूरोपीय संघ और यूके) में से एक महत्वपूर्ण समूह है।