बिलासपुर में तीन साल की बच्ची की मौत के मामले पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान
बिलासपुर, । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर शहर के तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने तीन साल की बच्ची की मौत को बेहद गंभीर मामला बताया।
अदालत ने तीखे अंदाज में सवाल उठाया कि, आंगनबाड़ी परिसर में डीजे का सामान क्यों रखा गया, क्या वहां नाच-गाना होता है। इस पर शासन की ओर से बताया गया कि एक आंगनबाड़ी कर्मचारी का रिश्तेदार डीजे संचालक है और उसी का सामान वहां रखा गया था। चीफ जस्टिस ने इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मासूम की मौत हुई है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
यह है पूरा मामला-
14 अगस्त की सुबह करीब 11:15 बजे तीन साल की मुस्कान महिलांगे तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर में बने आंगनबाड़ी के आसपास में बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी डीजे संचालक रोहित देवांगन द्वारा लापरवाही से दीवार पर टिकाकर रखे गए लोहे के पाइपों में से एक अचानक उसके सिर पर गिर गया। गंभीर चोट लगने पर उसे जिला अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया,