सोनीपत,। जिला

सोनीपत के गोहाना विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद डॉ. अरविंद शर्मा को गुरुवार

को हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, जहां उन्होंने शपथ ग्रहण की। वे

पहली बार 1996 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में सोनीपत से लोकसभा के लिए चुने

गए थे, इसके बाद करनाल और आईएनसी उम्मीदवार के रूप में लगातार दो आम चुनाव जीते।

डा.

अरविंद शर्मा के राजनीतिक सफर को जान लें अरविंद कुमार शर्मा, जो पहले कांग्रेस के

सदस्य थे, ने भाजपा में शामिल होकर 17वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने

1996 में पहली बार सोनीपत से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज

की। इसके बाद, करनाल से उन्होंने दो बार चुनाव जीते, लेकिन 2014 में उन्हें हार का

सामना करना पड़ा।

इनके

व्यक्ति जीवन के बारे में जान लें अरविंद कुमार शर्मा का जन्म 12 अक्टूबर 1963 को एम.पी.

माजरा, जिला झज्जर, हरियाणा में

हुआ इनके पिता का नाम सतगुरु डी. शर्मा, माता का नाम: बिमला देवी है। पोस्ट ग्रेजुएट

तक पढाई की इनका व्यवसाय डेंटल सर्जन का है, सनातन हिंदू धर्म में इनकी आस्था है। 2019 में रोहतक से भाजपा उम्मीदवार के रूप में 17 वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के दीपेंद्र

सिंह हुड्डा को 7000 मतों के अंतर से हराया। 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में करनाल से

जीत दर्ज की, मराठा वीरेंद्र वर्मा को 50,000 से अधिक मतों से हराया। 2004: करनाल से

भाजपा प्रत्याशी आई. डी. स्वामी को डेढ़ लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। 1996:

सोनीपत से 11वीं लोकसभा चुनाव जीता, एसएपी उम्मीदवार रिजक राम को 40,000 से अधिक मतों

से हराया। अरविंद शर्मा का राजनीतिक सफर विविधता और अनुभव से भरपूर रहा है, जिसमें

उन्होंने कई सफल चुनाव लड़े और हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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