विकसित भारत हमारी सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतिबिंब : राज्यपाल
रांची,। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा है कि विकसित भारत
केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक समृद्धि,
सामाजिक समरसता और वैज्ञानिक नवाचार का समन्वित प्रतिबिंब है। उन्होंने इस
बात पर जोर दिया कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी युवा जनसंख्या है और हमें
उन्हें नवाचार, स्टार्टअप, शोध और उद्यमशीलता की ओर प्रेरित करना होगा।
राज्यपाल
रांची के गोस्सनर कॉलेज में डेवलप्ड इंडिया @ 2047 चैटिंग मल्टी
डिसीप्लिनरी और मल्टी इंस्टीट्यूशन पाथवेज फॉर इंक्लूसिव ग्रोथ एंड ग्लोबल
लीडरशिप विषय परआयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस के उद्घाटन पर बोल रहे थे।
राज्यपाल ने ‘विकसित भारत @2047’, ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘मेक इन इंडिया’,
‘डिजिटल इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा
कि ये पहलें भारत को न केवल आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि उसे वैश्विक
नेतृत्व की दिशा में भी अग्रसर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया
का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है, जहां के नवाचार वैश्विक
परिवर्तन का माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया
कि वे विद्यार्थियों को केवल नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार सृजन
करने वाला बनाने के लिए शिक्षा प्रदान करें।
राज्यपाल ने कहा कि
शोध कार्यों में मौलिकता आवश्यक है। केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि
समाजोपयोगी समाधान और नवाचारों पर आधारित शोध ही विकसित भारत की राह को
प्रशस्त करेगा। उन्होंने स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, खादी और कृषि आधारित
उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत वैश्विक
उत्पादन केंद्र बन सकता है, यदि वह पारंपरिक ज्ञान और आधुनिकता का समन्वय
स्थापित कर सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन केवल अकादमिक विमर्श
तक सीमित न रहकर ठोस नीतिगत सुझावों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में
अपनी भूमिका निभाएगा।