रांची। पौष माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस साल 30 दिसंबर को है। हालांकि, अमावस्या की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह 4.01 बजे से हो जाएगी और 31 दिसंबर को 3.56 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार पौष अमावस्या 30 दिसंबर को ही मनाई जाएगी।

पंडित मनोज पांडेय ने बताया कि अमावस्या के दिन पितरों की पूजा और स्नान दान के लिए विशेष महत्व है। मान्यता यह है कि इस दिन कुछ चीजों का दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन स्नान दान और पितरों की पूजा करना शुभ फलदायी है। हिंदू धर्म में अमावस्या को पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध तर्पण और पिंडदान किया जाता है। पंडित मनोज बताया कि यह अमावस्या सोमवार को पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन व्रत के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करना मंगलकारी होता है।

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