नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया की स्किल कैपिटल बनने और स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। भारत के स्टार्टअप और फिनटेक हेल्थ केयर से लेकर स्मार्ट सिटीज और ग्रीन टेक्नोलॉजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए कटिंग एज सॉल्यूशन बना सकते हैं। भारत का स्लिड यूथ कुवैत की फ्यूचर जर्नी को भी नए स्ट्रेंथ दे सकता है।

प्रधानमंत्री आज दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे जहां उनका गर्म जोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान भारतीय समुदाय से जुड़े लोगों ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि भारत सरकार विदेश में काम करने वाले भारतीयों के कल्याण के लिए विभिन्न देशों के साथ समझौते कर रही है। ई-माइग्रेट मंच के माध्यम से विदेशी कंपनियों और पंजीकृत एजेंट को एक साथ लाकर प्रभावी जनशक्ति समाधान दिया जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में इस पोर्टल के माध्यम से हजारों लोगों को खाड़ी देशों में रोजगार मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत-कुवैत के बीच संस्कृति और वाणिज्य के माध्यम से बने संबंध आज नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। कुवैत भारत का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा और व्यापार भागीदार है। कुवैती कंपनियां भारत में बड़ा निवेश कर रही हैं। कुवैत और भारत के नागरिकों ने संकट के समय में हमेशा एक दूसरे की मदद की है।

प्रधानमंत्री ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि 43 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत की यात्रा कर रहा है उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान से यहां आने में 4 घंटे लगते हैं लेकिन प्रधानमंत्री को आने में चार दशक लग गए।

प्रधानमंत्री ने स्थानीय भारतीय समुदाय की सराहना की और कहा कि वह उनकी उपलब्धियां को सेलिब्रेट करने आए हैं। कुवैती नेतृत्व भी भारतीयों के योगदान को की प्रशंसा करता है। उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में है जिन्होंने कुवैत को स्वतंत्रता मिलने के बाद मान्यता दी थी। कोविड के दौरान कुवैत ने भारत को लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई किया और उस दौरान कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर भारत ने भी लड़ने का साहस दिया।

अपनी कुवैत यात्रा के पहले कार्यक्रम के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 1500 भारतीय नागरिकों के कार्यबल के साथ कुवैत के मीना अब्दुल्ला क्षेत्र में एक श्रमिक शिविर का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने भारत के विभिन्न राज्यों के विभिन्न वर्गों के भारतीय श्रमिकों के साथ बातचीत की और उनकी कुशलक्षेम पूछी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार श्रमिक शिविर का दौरा प्रधानमंत्री द्वारा विदेशों में भारतीय श्रमिकों के कल्याण को दिए गए महत्व का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने विदेशों में भारतीय श्रमिकों के कल्याण के लिए ई-माइग्रेट पोर्टल, मदद पोर्टल और उन्नत प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसी कई प्रौद्योगिकी-आधारित पहल की हैं।

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