देवली-उनियारा में पथराव-आगजनी, 50 घायल, 60 उपद्रवी गिरफ्तार
टाेंक/जयपुर। राजस्थान की देवली-उनियारा (टोंक) विधानसभा में बुधवार
को उपचुनाव की वोटिंग के दौरान हुआ बवाल रातभर चला। विधानसभा के समरावता
गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था।
इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों
को भी रोकने की कोशिश की। पुलिस और ग्रामीणों में जमकर पथराव हुआ।
उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। गुस्साए
लोगों ने एसपी विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने रात
करीब नाै बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे
ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने
पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। इसके बाद बुधवार रातभर
पुलिस ने समरावता गांव और आसपास के इलाके में दबिश दी। अब तक 60 आरोपियों
को गिरफ्तार किया गया है। इस घटनाक्रम में 50 से ज्यादा ग्रामीण और
पुलिसवाले घायल हुए हैं।
आगजनी और पत्थरबाजी के बाद नरेश मीणा
गुरुवार सवेरे समरावता गांव में पहुंचे। मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात
है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि
मैं पुलिस हिरासत से फरार नहीं हुआ, ग्रामीणों की पिटाई के बाद पुलिस वाले
मौके से भाग गए। कलेक्टर मौके पर आती तो सब कुछ नहीं होता। मैंने कहा था
पुलिस को कि मुझे गिरफ्तार करो। मैंने एसडीएम पर भी कार्रवाई की बात की थी।
बुलाने पर भी कलेक्टर मौके पर नहीं पहुंचीं। शुरुआत पुलिस-प्रशासन ने की,
हमने नहीं। नरेश मीणा ने भागना नहीं सीखा, ग्रामीणों की पिटाई के बाद पुलिस
वाले मौके से भाग गए। उन्होंने स्वीकार किया कि 'हां मैंने एसडीएम को
थप्पड़ मारा था, एसडीएम बीजेपी का एजेंट था।
ग्रामीणों का आरोप है
कि पुलिस वालों ने गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी और उनके बच्चों को
उठा ले गए। रातभर पुलिस की दबिश के कारण 100 से ज्यादा लोग गांव छोड़कर भाग
गए। गुरुवार सुबह भी पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। वहीं, नरेश मीणा
की भी तलाश की जा रही है। हालांकि, बुधवार देर रात नरेश मीणा ने एक्स पर
पोस्ट शेयर कर लिखा- मैं ठीक हूं। टोंक जिले के समरावता गांव में बुधवार को
हुई हिंसा के बाद तनाव का माहौल कायम है। गांव में भारी पुलिस बल की
तैनाती कर दी गई है। पुलिस की टीमें गांव और आसपास के इलाकों में गश्त कर
रही हैं। पथराव में पुलिस के 12 जवान घायल हुए हैं. वहीं, पुलिस ने नरेश
मीणा के 60 समर्थको को हिरासत में लिया है। अभी तक इस मामले में नरेश मीणा
के खिलाफ नगरकोट थाने में चार केस दर्ज हुए हैं। बतौर निर्दलीय प्रत्याशी
नरेश मीणा भी चुनावी मैदान में हैं। इसी बीच, समरावता गांव में वोटिंग के
दौरान नरेश मीणा ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। साथ ही आरोप लगाया कि
ईवीएम पर उनका चुनाव निशान धुंधला है। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि जबरन वोट
डलवाने की जानकारी मिली तो मैं मौके पर पहुंचा। वहां मौजूद कर्मचारी ने
बदतमीजी की। इसके बाद मैंने थप्पड़ मार दिया। नरेश मीणा ने धमकाया कि कोई
कर्मचारी बीजेपी का एजेंट बनकर काम करेगा तो उसका यही हाल होगा।
एसडीएम
अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना से आरएएस एसोसिएशन में भी नाराजगी है।
बुधवार को ही एसोसिएशन के पदाधिकारी महावीर खराड़ी के नेतृत्व में मुख्य
निर्वाचन अधिकारी अधिकारी नवीन महाजन के पास पहुंचे। उसके बाद सीएमओ गए।
सीएमओ में सीएम के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल को भी ज्ञापन सौंपा। आरएएस
एसोसिएशन ने तो चेतावनी दे दी कि अगर नरेश मीणा गिरफ्तार नहीं किया तो
गुरुवार से सारे आरएएस पैन डाउन हड़ताल पर उतरेंगे। दूसरी तरफ राजस्थान
तहसीलदार सेवा परिषद (वरिष्ठ), राजस्थान पटवार संघ, सचिवालय कर्मचारी संघ
आदि संगठनों ने भी नरेश की गिरफ्तारी की मांग की है।