गांव की लक्ष्मी! लखनवाला की महिलाओं के लिए बनीं नई उम्मीद की किरण
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के विकासनगर ब्लॉक की
ग्राम पंचायत लखनवाला की लक्ष्मी देवी ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से खुद
को आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बना लिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका
मिशन (एनआरएलएम) के तहत गठित राधा स्वयं सहायता समूह की यह सदस्य आज "गांव
की लक्ष्मी" के नाम से जानी जाती हैं। उनकी पहल ने न केवल उनकी जिंदगी बदली
है, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया
है।
लक्ष्मी की शुरुआत : जब सपनों को मिला आधारलक्ष्मी देवी का सफर
आसान नहीं था। घरेलू जिम्मेदारियों और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने
अपने परिवार और समाज के लिए कुछ बेहतर करने की ठानी। एनआरएलएम के तहत बीसी
(बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट) सखी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने
बैंक से क्रेडिट कार्ड लिमिट (सीसीएल) के तहत धनराशि ली और अपने गांव में
एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की स्थापना की। लक्ष्मी कहती हैं कि गांव
में रहते हुए मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कुछ ऐसा कर पाऊंगी। लेकिन राधा
स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी क्षमताओं पर विश्वास हुआ।
सीएससी
केंद्र से ग्रामीणों को राहतलक्ष्मी देवी के सीएससी केंद्र ने गांव में एक
नई सुविधा प्रदान की है। अब ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं, पेंशन योजनाओं, बिजली
बिल भुगतान, पैन कार्ड आवेदन और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए शहर जाने की
परेशानी से बच गए हैं। गांव के बुजुर्ग रामप्रसाद ने बताया कि पहले हमें
बैंकिंग सेवाओं के लिए 15-20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लक्ष्मी देवी ने
हमारे जीवन को आसान बना दिया है। अब हमें जरूरी काम के लिए अपने गांव से
बाहर नहीं जाना पड़ता।
महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं लक्ष्मीलक्ष्मी
देवी की इस सफलता ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में
प्रेरित किया है। आज कई महिलाएं लक्ष्मी के साथ जुड़कर प्रशिक्षण ले रही
हैं। वे भी सीएससी केंद्र के माध्यम से अपनी खुद की पहचान बनाने के सपने
देख रही हैं। राधा स्वयं सहायता समूह की एक अन्य सदस्य निर्मला ने कहा कि
लक्ष्मी दीदी ने हमें दिखा दिया कि अगर हम ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं
है। अब हम भी अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में काम कर
रही हैं।
समारोह में लक्ष्मी को सम्मानलक्ष्मी देवी की इस
प्रेरणादायक पहल को विकासनगर के अधिकारियों ने भी सराहा। उनके सीएससी
केंद्र के उद्घाटन के मौके पर योगेंद्र (राज्य समन्वयक, इन्टीग्रा माइक्रो
सिस्टम), ब्लॉक मिशन प्रबंधक मंदीप सिंह, क्षेत्र समन्वयक रमन और अन्य
अधिकारी उपस्थित रहे।योगेंद्र ने कहा कि लक्ष्मी देवी ने न केवल अपने
परिवार को आर्थिक मजबूती दी है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत
किया है। उनकी यह पहल अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणादायक है।
लक्ष्मी
का सपना : हर महिला बने आत्मनिर्भरलक्ष्मी देवी का सपना है कि हर महिला
आत्मनिर्भर बने। उनका कहना है कि मेरे गांव की महिलाएं बहुत मेहनती हैं।
मैं चाहती हूं कि वे भी अपने पैरों पर खड़ी हों और अपने परिवार को आर्थिक
सुरक्षा प्रदान करें।
सीएससी केंद्र : एक नई शुरुआतगांव में
बैंकिंग सुविधाओं की कमी और लंबी दूरी की समस्या ने लक्ष्मी देवी को इस
दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उनके सीएससी केंद्र पर ग्रामीणों
को कई सुविधाएं मिल रही हैं, जिनमें प्रमुख हैं- बैंकिंग सेवाएं, पेंशन
योजनाओं का लाभ, बिजली बिल और अन्य भुगतान, सरकारी प्रमाणपत्र और दस्तावेज
सेवाएं।
गांव की लक्ष्मी: सशक्तिकरण की कहानीलक्ष्मी देवी की कहानी
इस बात का प्रमाण है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो तो बड़े बदलाव किए जा
सकते हैं। आज गांव की हर महिला उन्हें "गांव की लक्ष्मी" कहकर संबोधित करती
है। उनकी यह पहल न केवल उनके लिए आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बनी है, बल्कि
ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। लक्ष्मी देवी ने यह साबित
कर दिया कि सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं।
उनका यह कदम न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए आर्थिक
विकास की नई राह खोल रहा है।