जवाहर कला केंद्र में जूनियर समर कैंप: बच्चों की लेखनी में दिख रहा कैलीग्राफी का कमाल, इंक पेन से अक्षरों को दे रहे हैं नया रूप
जयपुर, । जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित जूनियर समर कैंप में बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के लिए विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण जारी है। थिएटर, गायन, वादन, साहित्य जैसी विभिन्न विधाओं में बच्चों के हुनर को निखारा जा रहा है। इन्हीं में से एक कैलीग्राफी की क्लास में 10 से 16 वर्ष की उम्र के 14 बच्चों ने भाग लिया है।
प्रशिक्षक हरिशंकर बालोटिया ने बताया कि प्रशिक्षण के प्रारंभ में बच्चों को मैकेनिकल पेंसिल से लिखने का अभ्यास कराया गया जिससे वह शुद्ध और स्पष्ट अक्षर लेखन कर सकें। यह ऐसी पेंसिल होती है जिसमें लेड पहले से भरा होता है और उसे बार-बार छीलने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसमें एक मैकेनिज्म होता है जिसके जरिए बटन दबाकर अंदर भरी हुई लेड स्टिक को बाहर निकाला जाता है।
अक्षरों की बनावट, लेआउट और स्पेसिंग है ज़रूरी
क्लास में बच्चों को कैलीग्राफी के मूल आयामों के बारे पढ़ाया गया है। इसमें सही रूपरेखा, अनुपात और संतुलन सीखने के बाद अब बच्चों को इंक पेन से भी लिखना सिखाया जा रहा है। सह प्रशिक्षक रश्मि द्वारा बच्चों को अक्षरों की बनावट, स्पेसिंग और लेआउट जैसी मूल बातों से अवगत कराया जा रहा है। कैलीग्राफी सिखाने का उद्देश्य न केवल सुंदर लेखन सिखाना है, बल्कि बच्चों में लेखन की सटीकता, धैर्य और कलात्मक अभिव्यक्ति को भी बढ़ावा देना है।
कैलीग्राफी में लाइनें, घुमाव और शेप बनाना सीख रहे बच्चे
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को यह भी सिखाया जा रहा है कि कैलीग्राफी केवल कला नहीं है बल्कि अनुशासन और ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया भी है। नियमित अभ्यास से बच्चों में धैर्य, एकाग्रता और बारीकी से काम करने की क्षमता विकसित हो रही है। शुरुआत में बेसिक स्ट्रोक जैसे लाइनें, घुमाव और शेप बनाना सिखाया जा रहा है। इसके बाद वे शब्दों को सुंदर रूप में कम्पोज़ करना सीखेंगें।