पचास हेक्टेयर में फैले सिटी फारेस्ट की अब तस्वीर बदलने की तैयारी
सरकार
ने करोड़ों रुपये के प्लान को दी हरी झंडीहमीरपुर।
हमीरपुर शहर में पिछले कई दशकों से वीरान हो चुके सिटी फारेस्ट की अब
तस्वीर बदलने की तैयारी फारेस्ट डिपार्टमेंट ने शुरू कर दी है। सिटी
फारेस्ट केन्द्र सरकार की नगर वन योजना में भी शामिल होने के साथ ही कई
करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दे दी गई है। पचास हेक्टेयर क्षेत्रफल में
फैला सिटी फारेस्ट अब जल्द ही फिर से आबाद होगा।
हमीरपुर जिला
मुख्यालय से चार किमी दूर कालपी हाइवे के पास बदनपुर में काफी बड़े
क्षेत्रफल में जंगल बसा है। इसी में पचास हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिटी
फारेस्ट का तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा ने शिलान्यास किया था। सिटी
फारेस्ट में कई करोड़ रुपये की धनराशि खर्च कर बच्चों के लिए झूले, पार्क व
अन्य मनोरंजक आइटम लगाए गए थे। सोडियम लाइटें और फब्बारे के साथ सिटी
फारेस्ट में वाच टावर भी लगाए गए थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक कई सालों तक
सिटी फारेस्ट गुलजार रहा लेकिन सुरक्षा की कोई व्यवस्थाएं न होने के कारण
लोगों ने सिटी फारेस्ट से दूरी बना ली। पिछले डेढ़ दशक से यह सिटी फारेस्ट
अराजकतत्वों का अड्डा बना है। यहां कुछ साल पहले ही एक प्रेमी युगल को भीड़
ने जमकर पीटा था। महिला को निर्वस्त्र कर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में
वायरल किया गया था। इस शर्मनाक घटना के तमाम लोग दबोचे गए थे। बाद में सिटी
फारेस्ट को बंद कर दिया गया था। मौजूदा में यह फारेस्ट पूरी तरह से वीरान
हो चुका है।
दशकों से वीरान हो चुके सिटी फारेस्ट अब फिर से होगा
आबादतीन दशक पहले तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा ने हमीरपुर आकर सिटी
फारेस्ट का शिलान्यास किया था। हमीरपुर-कालपी हाइवे के किनारे यमुना और
बेतवा नदियों के बीच सिटी फारेस्ट पूरे जिले का इकलौता फारेस्ट है जो
देखरेख के अभाव में पूरी तरह से उजड़ चुका है। फारेस्ट के अंदर लगे झूले,
लाइटें, पोल, टावर, स्टेचू और अन्य सुविधाएं खत्म हो चुकी है। दशकों बाद अब
इस सिटी फारेस्ट को आबाद करने की तैयारी फिलहाल डिपार्टमेंट ने की है।
केन्द्र
सरकार की नगर वन योजना में सिटी फारेस्ट हो गया शामिलहमीरपुर शहर के वीरान
हो चुके सिटी फारेस्ट को अब केन्द्र सरकार की नगर वन योजना में शामिल कर
लिया गया है। इसके लिए सरकार ने दो करोड़ से अधिक धनराशि की मंजूरी देते हुए
सिटी फारेस्ट की तस्वीर बदलने की हरी झंडी दी है। डीएफओ एके श्वीवास्तव ने
बताया कि पचास हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले सिटी फारेस्ट को विकसित करने
की मंजूरी मिल गई है। भारत सरकार की नगर वन योजना में यह फारेस्ट चयनित हो
गया है। बजट रिलीज होते ही कार्य कराए जाएंगे।