जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को केवल रेफरल केंद्र बनाकर मजाक न बनाया जाए। सरकारी चिकित्सालयों में मौजूद संसाधन और स्टॉफ का पूर्ण उपयोग हो, जिससे मरीजों को निजी
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को
केवल रेफरल केंद्र बनाकर मजाक न बनाया जाए। सरकारी चिकित्सालयों में मौजूद
संसाधन और स्टॉफ का पूर्ण उपयोग हो, जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों पर
निर्भर न होना पड़े।जिलाधिकारी बंसल गुरुवार को ऋषिपर्णा सभागार में जनपद
के सभी उप जिला चिकित्सालयों की प्रबंधन समिति की बैठक को संबोधितकर रहे
थे। उन्होंने सरकारी चिकित्सालयों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित
करने पर जोर दिया।
बैठक में रेफरल मामलों की समीक्षा में
जिलाधिकारी बंसल ने स्पष्ट किया कि अनावश्यक रेफरल स्वीकार नहीं किए
जाएंगे। सभी चिकित्सालयों को अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक के आईपीडी, सर्जरी,
संस्थागत प्रसव और रेफरल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया
गया। जिलाधिकारी ने उप जिला चिकित्सालय विकासनगर के ऑक्सीजन प्लांट की
मरम्मत और प्रेमनगर चिकित्सालय के बच्चों के आईसीयू के संचालन के लिए
धनराशि मौके पर स्वीकृत की। मुख्य विकास अधिकारी को सभी चिकित्सालयों का
औचक निरीक्षण करने और उपचार में कमी को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया।
बैठक
में मसूरी चिकित्सालय में गायनी चिकित्सक की अनुपलब्धता पर जांच समिति
गठित कर रिपोर्ट तलब की गई। साथ ही, ईएनटी चिकित्सक को तीन दिन मसूरी में
सेवाएं देने के निर्देश दिए गए। प्रेमनगर चिकित्सालय में आईपीडी में कमी पर
जिलाधिकारी ने सवाल उठाए और मरीजों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सर्जरी के कम मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी अस्पतालों से
विस्तृत जानकारी मांगी।
जिलाधिकारी ने अनुबंधित पैथोलॉजी सेंटर्स
के प्रतिनिधियों की 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध स्टॉफ और संसाधनों का
समुचित उपयोग कर आदर्श चिकित्सा व्यवस्था बनाई जा सकती है। उन्होंने इसे न
केवल सेवा बल्कि एक पुनीत कार्य बताया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव
शाह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, उप जिलाधिकारी हरिगिरि समेत
संबंधित चिकित्सालयों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक और प्रबन्धन समिति के
सदस्य उपस्थित रहे।