गोरखपुर,  । गोरक्षपीठाधीश्वर ने पूर्ण परब्रह्म, अघहारी, योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शिवावतार महायोगी गोरखनाथ की साधनास्थली गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। गोरखनाथ मंदिर के उत्सवधर्मी एवं पारंपरिक श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए मुख्यमंत्री शनिवार रात लखनऊ से यहां पहुंचे।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पवित्र पर्व पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार पूर्वाह्न से मध्य रात्रि तक समस्त योगियों के परमेश्वर माने जाने वाले योगेश्वर श्रीकृष्ण की साधना में रत रहे। पूर्वाह्न उन्होंने प्रभु श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जन्मभूमि मंदिर में कान्हा की विधि विधान से आराधना कर प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना की। शाम को वह लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में सम्मिलित हुए और फिर रात में गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर पारंपरिक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में प्रभु के प्राकट्य अनुष्ठान में लीन रहे।

गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया और अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेक पुष्पार्चन किया, उनका आशीर्वाद लिया। गोरखनाथ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के पावन उपलक्ष्य में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री यहां पहुंचे और सुमधुर भजनों का आनंद उठाते हुए राधा-कृष्ण बने बच्चों को दुलार उन्हें उपहार देते रहे।

मध्य रात्रि गोरखनाथ मंदिर के गर्भगृह में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर विधि विधान से विशिष्ट पूजा अर्चना की। रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य के बाद 'नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की' और ‘श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव’ की मंगल धुन, सोहर गीत और घंट घड़ियाल की ध्वनि के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर उन्हें गोद में लेकर गर्भगृह से बाहर आए। प्रभु श्रीहरि के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को फूलों से सजे पालने में बैठाकर श्रद्धाभाव से उन्हें झूला झुलाया और आरती उतारी।

गोरखनाथ मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन कार्यक्रम सुपरिचित लोक गायक डॉ. राकेश श्रीवास्तव के संयोजन में शाम से ही शुरू था। दूसरी तरफ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के गर्भगृह में रात 11:32 बजे से प्रारंभ हुआ और ठीक मध्य रात्रि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोपरांत मंगल गीत व प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, वाराणसी से आए जगद्गुरु संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ल, कुशीनगर के सांसद विजय दूबे, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, हनुमानगढ़ी अयोध्या से आए राजू दास, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। मध्य रात्रि तक मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा।

राधा-कृष्ण बने बच्चों को मिला सीएम योगी का स्नेह व उपहार

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन कीर्तन के मध्य श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में राधा व कृष्ण बने बच्चों को खूब स्नेह दिया। उनसे खूब हंसी ठिठोली भी की। उन्हें खिलौने व चॉकलेट उपहार में दिए। इस दौरान कई मासूमों को अपनी गोद में लेकर वह काफी देर तक खिलाते रहे, प्यार-दुलार करते रहे। भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य अनुष्ठान से पूर्व सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर परिसर के रात्रिकालीन भ्रमण पर निकले। इस दौरान भी उन्होंने परिजनों के साथ श्रीकृष्ण-राधा के रूप में आए बच्चों को खूब दुलारा और उन्हें उपहार दिया।

श्रीकृष्ण बाल रूप सज्जा ने मोहा मन, हृदयांकित हुए टीम राकेश के भजन

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित श्रीकृष्ण के बाल रूप में सजधज कर आए बच्चों ने लोगों का मन मोह लिया तो भजन संध्या में टीम राकेश (जाने माने लोकगायक डा. राकेश श्रीवास्तव और साथी) के भजन हृदयांकित हो गए। बाल रूप सज्जा में कोई श्रीकृष्ण के रूप में था तो कोई राधा। इस प्रतियोगिता में शामिल सभी बच्चे कार्यक्रम का आकर्षण बढ़ा रहे थे। बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता के कान्हा वर्ग में अत्रि मिश्रा को प्रथम, भव्या पांडेय को द्वितीय तथा कात्यायनी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। जबकि गोपाल वर्ग में प्रथम पुरस्कार सात्विक सिंह को, द्वितीय वंशिका अग्रवाल और तृतीय पुरस्कार मानवी जायसवाल को मिला। निर्णायक की भूमिका में अंजना राजपाल, मनीषा सिंह और हृदया त्रिपाठी रहीं। संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया ।

उधर, भजन संध्या में डॉ. राकेश श्रीवास्तव की अगुवाई में पुनीत श्रीवास्तव, हृदया त्रिपाठी, लक्ष्मी गुप्ता, विकास मिश्रा, आदर्श मिश्रा, अनीता सिंह ने कर्णप्रिय भजनों और सोहर गीतों की प्रस्तुति दी। वाद्य यंत्रों पर त्रिपुरारी मिश्रा, अमर चंद्र, रानू जानसन, उदय मिश्रा, मुख्तार अहमद ने संगत किया।