लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सोमवार को पंजाब पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की सयुंक्त कार्रवाई में खालिस्तान समर्थक तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने दी। मारे गए तीनों आतंकियों पर गुरदासपुर की पुलिस चाैकी पर ग्रेनेड हमले में संलिप्तता का भी आरोप है।

प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहादुरी और शौर्य का कार्य किया हैं, जिनकी प्रशंसा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बारे में हमारी टीमें गहन जांच कर रही हैं कि ये लोग कहा रुके थे। किन लोगों से इनकी मुलाकात हुई है। आखिर ये आतंकी किस मकदस से पीलीभीत आए थे। कहीं इनका कोई नेटवर्क तो यहां पर नहीं है। ऐसे कई सवालों को लेकर टीमें जांच कर रही हैं।

जिले के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि आतंकियों के पास से बरामद किए गए दस्तावेजों से उनकी पहचान पंजाब के गुरुदासपुर जिले के रहने वाले गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में की गई है। इनके पास से बरामद मोटरसाइकिल एक दिन पहले ही पुरनपुर इलाके से चोरी की गयी थी। उनके पास से दो एके-47, दो विदेशी ग्लॉक पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है। तीनों पर पंजाब के गुरदासपुर की पुलिस चाैकी पर ग्रेनेड हमले में संलिप्तता का भी आरोप है। इनकी तलाश में पंजाब पुलिस पहले से ही यहां पर डेरा डाले हुए थी।

इनकी लोकेशन सोमवार सुबह चार बजे पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में मिली। इस पर पंजाब पुलिस और उप्र पुलिस ने सयुंक्त कार्रवाई करते हुए इन्हें रोकेने के लिए घेराबंदी की। पुलिस से खुद को घिरा पाकर इन आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें माधोटांडा थाने में तैनात सिपाही सुमित और शाहनबाज घायल हो गए। इसके जवाब में पुलिस की तरफ से भी फायरिंग की गयी, जिसमें तीनों घायल हो गये। घायलों को पुरनपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर के कलानौर थाने की बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला हुआ था। इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए ली थी। इस हमले का मास्टरमाइंड जसविंदर सिंह बागी उर्फ मन्नू अगवान है।

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