लखनऊ। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा मण्डप की नवीनीकृत दर्शक दीर्घाओं का उद्घाटन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने संविधान की मूल प्रति की एक-एक प्रति मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को भेंट की।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष महाना ने सभी नेताओं को दो अन्य पुस्तकें भी भेंट की। एक पुस्तक में यूपी के सभी मुख्यमंत्रियों और दूसरी पुस्तक नेता प्रतिपक्ष के बारे में है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका का एक विशेष महत्व है। यह एक मार्ग दर्शिका है। यहां सभी लोग एकत्र होते है। प्रदेश के विकास पर चर्चा की जाती है। विधान सभा अध्यक्ष ने अपने पौने तीन साल के कार्यकाल के दौरान लोकतांत्रिक रूप से मजबूत करने के साथ ही आधुनिकता से जोड़ने का कार्य किया है। यूपी विधानसभा पेपरलेस हो गयी है। यह गौरवपूर्ण क्षण है। विधानसभा के गलियारों का सौंदर्यीकरण किया गया है, हम सबने देखा है।

मुख्यमंत्री व नेता सदन योगी ने कहा कि प्रश्नकाल में दो नहीं बल्कि 20-20 सदस्य अपना सवाल मंत्रियों से पूछ सकते हैं। यही सच्चा लोकतंत्र है। यह तब हो सका जब विधानसभा के नियमों से जरूरत के हिसाब से संशोधन किया गया। महिला सदस्यों के लिए एक दिन का पूरा समय दिया जाना हो, दर्शक दीर्घा के नवीनीकरण का मुद्दा हो, सब पर कार्य किया है।

योगी ने कहा कि 1952 से अबतक के मुख्यमंत्रियों के नेता सदन के रूप में कार्य से अवगत कराने का कार्य इस पुस्तक के माध्यम से किया गया। नेता प्रतिपक्ष के बारे में भी इसी प्रकार की पुस्तक का प्रकाशन आज हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सदस्यों को इन पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। ताकि वे जान सकें कि अबतक के किन-किन महानुभावों ने नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष के रूप योगदान दिया है। संविधान लागू होने के 26 जनवरी 2025 को 75 वर्ष पूर्ण होने पर संविधान की एक - एक मूल प्रति सभी सदस्यों को दिया गया है। यह सराहनीय कार्य है।

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