कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज कांड के विरोध में सड़क पर उतरे जूनियर डॉक्टरों में शामिल प्रमुख चेहरा डॉ. असफाकुल्ला नाइया पर एक बड़ा आरोप सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने बिना परीक्षा पास किए ही विशेषज्ञ डॉक्टर के रूप में मरीजों का इलाज शुरू कर दिया था। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के श्रीष चक्रवर्ती ने इस मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने प्रमाण के साथ दिखाया है कि हुगली के "क्यूरेन्टा हेल्थकेयर" नामक एक निजी हेल्थ सेंटर में डॉ. असफाकुल्ला सक्रिय रूप से प्रैक्टिस कर रहे हैं। चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि उनका नाम डॉक्टरों की आधिकारिक सूची में शामिल है। इस मामले पर बोलते हुए चक्रवर्ती ने सवाल उठाया, “क्या यह शर्मनाक धोखाधड़ी सत्तारूढ़ दल के नेताओं में भी फैली हुई है? इस घटना को तुरंत रोका जाना चाहिए।”

उल्लेखनीय है कि वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के नियमों के अनुसार, कोई भी डॉक्टर बिना परीक्षा पास किए निजी नर्सिंग होम या स्वास्थ्य केंद्र में प्रैक्टिस नहीं कर सकता। इन नियमों का उल्लंघन करते हुए डॉ. असफाकुल्ला ने प्रैक्टिस शुरू की।

डॉ. असफाकुल्ला इससे पहले नौ अगस्त को आर.जी. कर में हुए दुष्कर्म-हत्या कांड के विरोध में अन्य जूनियर डॉक्टरों के साथ सड़क पर उतरे थे। उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुरक्षा समेत 10 मांगों को लेकर धर्मतला में लगातार 17 दिनों तक अनशन किया था। लेकिन अब आंदोलन के इस प्रमुख चेहरे पर गंभीर आरोप लगने से मामला और जटिल हो गया है।

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