कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज विवाद को लेकर चल रहा आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। डॉक्टरों द्वारा धर्मतला में धरना जारी रखने की अनुमति हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने भी बरकरार रखी है। हालांकि, अदालत ने डॉक्टरों से पूछा है कि क्या वे 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर अपने प्रदर्शन में विराम दे सकते हैं।

आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और टाला थाने के तत्कालीन ओसी अभिजीत मंडल को जमानत मिलने के बाद डॉक्टरों ने 20 से 26 दिसंबर तक धरना देने का निर्णय लिया। शुरुआत में इसकी अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन सिंगल बेंच के निर्देश के बाद धरना शुरू हुआ। इसके बाद राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के इस आदेश को चुनौती देते हुए डिविजन बेंच में अपील की थी।

राज्य सरकार ने अदालत में दलील दी कि क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग धर्मतला में उत्सव मनाने आते हैं। ऐसे में धरने से यातायात बाधित होगा और आम जनता के अधिकारों का हनन होगा।

सरकार के वकील ने अदालत से अपील की कि डॉक्टरों को 24 और 25 दिसंबर को अपने प्रदर्शन से रोकने का निर्देश दिया जाए और इसके बदले 27 और 28 दिसंबर को प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाए।

राज्य सरकार ने यह भी सवाल उठाया कि हर बार प्रदर्शन के लिए मेट्रो चैनल को ही क्यों चुना जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि मेट्रो चैनल के पीछे स्थित वाई-चैनल में प्रदर्शन किया जा सकता है। साथ ही, यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर बिना उचित नोटिस के पुलिस और प्रशासन को समय दिए बगैर अदालत पहुंच जाते हैं, जिससे तैयारियों का समय नहीं मिलता।

डिविजन बेंच ने हालांकि सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि डॉक्टरों का प्रदर्शन धर्मतला में जारी रहेगा। अदालत ने यह भी कहा कि डॉक्टरों की सहमति मिलने पर क्रिसमस के दिन प्रदर्शन में विराम देने पर विचार किया जा सकता है।

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