कोलकाता। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय ने अपने पूर्व रजिस्ट्रार सुबीर मैत्रा को वित्तीय अनियमितताओं और कई अन्य आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुबीर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के बाद यह कदम उठाया।

सुबीर मैत्रा पर लगे आरोपों की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विशेष जांच अधिकारी की नियुक्ति की थी। जांच अधिकारी ने पांच नवंबर को अपनी रिपोर्ट जमा की। इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, विश्वविद्यालय ने सुबीर से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा।

इसके बाद, विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (एग्जीक्यूटिव काउंसिल) की बैठक में जांच रिपोर्ट, गवाहों के बयान और सुबीर के जवाब का गहराई से मूल्यांकन किया गया। इस बैठक में सर्वसम्मति से सुबीर को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।

रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति ने एक आधिकारिक बयान में सूचित किया कि सुबीर मैत्रा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जा रहा है। बर्खास्तगी के कारण, उन्हें सेवानिवृत्ति से संबंधित किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, उनके कामों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनसे धनराशि वसूली जाने की भी संभावना है।

सुबीर पर आरोप लगने के बाद भी वह रजिस्ट्रार पद पर बने हुए थे। इस दौरान, विश्वविद्यालय ने आशिष सामंता को अस्थायी रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया था। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय का यह निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन की वित्तीय पारदर्शिता और नैतिकता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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