बड़े बांग्लादेश का सपना, पश्चिम बंगाल में हिजबुत तहरीर के आतंकियों की सक्रियता ने बढ़ाई चिंता
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आतंकी संगठन 'हिजबुत तहरीर' की
गतिविधियों ने चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के
अनुसार, पिछले मई महीने में इस संगठन के दो सदस्य बांग्लादेश से भारत आए और
राज्य में अपना नेटवर्क तैयार करने के लिए गतिविधियां शुरू कीं। उन्होंने
सीमावर्ती क्षेत्रों में स्लीपर सेल बनाने की भी कोशिश की।खुफिया सूत्रों
के अनुसार, ये दोनों आतंकी पासपोर्ट के जरिए भारत में दाखिल हुए और खुद को
छात्र बताकर अपनी साजिश को अंजाम देने का प्रयास किया। इनकी पहचान अमीर
सब्बीर और रिजवान मारूफ के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के राजशाही जिले
के निवासी हैं। 23 मई को मालदा के मोहदिपुर सीमा से भारत में प्रवेश करने
के बाद ये दोनों मालदा के बैष्णवनगर इलाके के एक युवक के संपर्क में
आए।खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को "हिन्दुस्थान समाचार"
को बताया कि टूरिस्ट वीजा पर आए इन दोनों ने बैष्णवनगर में उस युवक के घर
में ठहरकर आसपास के इलाकों में बैठकें कीं। मालदा से आगे बढ़कर ये दोनों
मुर्शिदाबाद के धुलियान इलाके में पहुंचे, जहां उन्होंने गांव के युवाओं से
मुलाकात की। इन मुलाकातों के दौरान उन्होंने धार्मिक चर्चा शुरू की और
धीरे-धीरे 'बड़े बांग्लादेश' की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश
की।खुफिया एजेंसियों के अनुसार, बैष्णवनगर का युवक पहले 'सिमी' संगठन से
जुड़ा हुआ था। उसका परिवार भी इन गतिविधियों में शामिल हो सकता है। अमीर
सब्बीर को 'हिजबुत तहरीर' का नेता और संगठक माना जा रहा है। वहीं, रिजवान
मारूफ राजशाही विश्वविद्यालय का छात्र है और संगठन का सक्रिय सदस्य
है।रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 'हिजबुत तहरीर' भारत में इंजीनियरिंग
और शिक्षित युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर
रहा है। इसके पहले, इस संगठन के सदस्य भोपाल सहित अन्य जगहों से गिरफ्तार
किए जा चुके हैं।खुफिया एजेंसियों ने राज्य में और भी आतंकी घुसपैठ की
आशंका जताई है और उनकी तलाश जारी है। एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी
हैं कि इनकी भारत में और किन-किन आतंकियों से संपर्क है। राज्य सरकार और
सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह गंभीर चुनौती है कि सीमावर्ती इलाकों में
आतंकियों की घुसपैठ और नेटवर्क तैयार करने की कोशिशों पर कैसे लगाम लगाई
जाए।