देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के अंतर्गत देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य देश के हर कोने में गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा का विस्तार करना है। उत्तराखंड के लिए यह निर्णय बेहद खास है क्योंकि इसके तहत राज्य में चार नए केंद्रीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।

उत्तराखंड के पर्वतीय और दूरदराज क्षेत्रों में बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच एक बड़ी चुनौती रही है। केंद्रीय विद्यालयों के माध्यम से राज्य के छात्रों को बेहतर शिक्षण सुविधाएं, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। इन विद्यालयों को देशभर में 5,872.08 करोड़ की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा। यह न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। इस परियोजना के तहत 82,560 छात्रों को लाभ मिलेगा और 5,388 स्थायी नौकरियों का सृजन होगा।

राज्य में चार नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना न केवल स्थानीय छात्रों के लिए शैक्षिक अवसर बढ़ाएगी बल्कि उत्तराखंड के शिक्षा और विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इन स्कूलों के माध्यम से विशेष रूप से उन क्षेत्रों में शिक्षा का विस्तार होगा, जहां अब तक बेहतर सुविधाओं की कमी थी।

शिक्षा का विकेंद्रीकरण और समावेशन प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल शिक्षा के विकेंद्रीकरण और समावेशन को बढ़ावा देगी। यह योजना उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां भौगोलिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा तक पहुंच में बाधाएं आती हैं।

इस निर्णय पर उत्तराखंड के लोगों में उत्साह है। राज्यवासियों की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि यह पहल उत्तराखंड के युवाओं को भविष्य के लिए सशक्त बनाएगी और राज्य के समग्र विकास में सहायक होगी। उत्तराखंड में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ने से राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी। यह पहल न केवल छात्रों को गुणवत्ता-आधारित शिक्षा प्रदान करेगी, बल्कि राज्य के शिक्षा ढांचे को एक नई दिशा देने का कार्य करेगी।

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