एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के रूप में विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला, सदियों पुरानी लोक कला और परंपराओं का जीवंत संगम है। मेले के एक कोने में एक ऐसी अनमोल विरासत आज भी अपनी मधुर ध्वनि बिखेर रही है, जिसे देखने और खरीदने के लिए हर साल श्रद्धालु और पर्यटक उमड़ते हैं मिट्टी की बनी पारंपरिक सीटी और घिरनी परंपरा का प्रतीक और बाबा हरिहरनाथ का शगुन भी है। जिसे मेले के इतिहास और स्थानीय लोक कथाओं के अनुसार मिट्टी से बनी ये साधारण सी कलाकृतियाँ केवल खिलौने ही नहीं बल्कि