सनातन धर्म में हरतालिका महाव्रत, प्रेम, समर्पण, पवित्रता,पति की प्राप्ति और दीर्घायु, पारिवारिक समरसता, और शक्ति के अपूर्व सामर्थ्य का महापर्व है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कुटुम्ब प्रबोधन और सामाजिक समरसता की दृष्टि से इस व्रत की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।